[ग़ज़ल] रंज अच्छा है, ग़म अच्छा है ...
- रंज अच्छा है, ग़म अच्छा है, मलाल अच्छा है 1
'इश्क़ में दिल के 'एवज़ जो मिले माल अच्छा है - 'उम्र भर कहते रहे हम कि "जवाब आयेगा ..."
और वो चुप हो गये कहकर कि "सवाल अच्छा है!" - तेरी तज़मीन के क़ाबिल नहीं 'ख़ुरशीद' मगर
दिल के ख़ुश रखने को, ग़ालिब, ये ख़याल अच्छा है 2
- दाग़ देहलवी
- ग़ालिब
Labels: ग़ज़ल
0 Comments:
Post a Comment
<< Home